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4/1/20

Part 2 : आ, तमाशा देख.

Day 6 Lockdown : Today our hearts wept by seeing video of Spraying sanitiser and chlorinated water over group of poor migrants in UP. 
Such a shameful day for humanity today.
Is it my Country ? Is it happening in Democracy ?

आ, तमाशा देख.
क्लोरिन वोटर स्प्रे से धुलवाओ सालो को.
ये लोग जो सहरो का कचरा उठाते है, सडको पे सोया करते है 
न जाने कहा कहा से, कौन से गन्दी बस्तियों से उठ आये है..
 निकल पड़े है फैलाने इनसे लिपटी 
न जाने कितनी पिढ़ियो की बरसो पुरानी गंदगी.  
क्या बोल रहे हो ?
भूख लगी है ? प्यासे हो ? घर जाना है ?
ये लो.. नंगे बदन पे डंडे खाओ.
अगर करते हो हिम्मत खुद से खड़े होने की
तो कुचले दिए जाओगे महासत्ता के बलशाली पैरो तले.!
 लोकतंत्र का महायज्ञ है चल रहा, 
इसमें आहुति चढने की भी काबिलियत नहीं तुम्हारी 
पूंजीवाद के महारथ के पैय्योतले जगह तुम्हारी 
शहरो की गन्दगी साफ़ करते हुए
 घिस घिस कर मर जाने की औकात तुम्हारी 
और ख़बरदार ! मुह से आह तक नहीं निकालो !!
ख़बरदार , मुह से आह तक नहीं निकालो !!
क्या तुम इन्सान हो ? क्या हम इन्सान है ?
तुम हो कीड़े सहर के नाली के, 
हम है सत्तावान मदमस्त हैवान !!
और ये बन बैठे है पत्थर के बुत
चुपचाप तमाशा देखने वाले इन्सान.
Ayshwarya.
Thanks to  डॉ.सुनील अभिमान अवचार for providing me sketches for video, his sketches speak louder than words. 

Name of youtube channel - Ayshwarya Revadkar
visit for audio video of this poem
YouTube link https://youtu.be/blhoo4QvEO4

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